शाहपुरा जिला एक नजर –
राजस्थान में नवीनतम जिला गठन में शाहपुरा जिला भी शामिल किया गया, जिसका गठन 4 अगस्त 2023 को हुआ। Shahpura Jila भीलवाड़ा जिले से तोड़कर “अजमेर संभाग” में मिलाया गया। जिले में पांच उपखण्ड व छह तहसीलें निम्नानुसार हैं –
- शाहपुरा
- जहाजपुर
- काछोला
- फुलियाकला
- बनेड़ा
- कोटड़ी
जहाजपुर व काछोला दोनों एक ही उपखण्ड में शामिल किये गये हैं।
ना तो अंतर्राष्ट्रीय व ना ही अन्तर्राज्य सीमा बनाता हैं, यह अन्तवर्ती जिला हैं। शाहपुरा 4 जिलों से अपनी सीमा बनता हैं –
- केकड़ी
- भीलवाड़ा
- बूंदी
- टोंक
जिले की प्रसिद्धि –
- शाहपुरा मिट्टी के खिलोनों के लिए प्रसिद्ध हैं।
फड़ के लिए – शाहपुरा का जोशी परिवार। फड़ को श्री लाल जोशी जी ने प्रसिद्धि दिलायी तथा जनक पांचोजी जोशी को कहा जाता हैं। फड़ की प्रथम महिला चितेरी पार्वती जोशी।
फड़ को पुष्कर में ठंडा किया जाता हैं। फड़ लोक देवी या लोकदेवता के जीवन चरित्र को कपड़े पर उकेरना कहलाता हैं।
- एकीकरण के समय क्षेत्रफल व जनसंख्या के अनुसार सबसे छोटी रियासत शाहपुरा थी।
- सर्वप्रथम उत्तरदायी शासन की स्थापना।
- शाहपुरा रियासत एकीकरण के दुसरे चरण में शामिल हुई। दूसरा चरण 25 मार्च 1948 में हुआ।
- एकीकरण के दुसरे चरण में प्रधानमंत्री गोकुललाल असावा शाहपुरा से थे।
खनिज –
राजस्थान में सोने की खान सर्वप्रथम कोटड़ी (शाहपुरा) जिले में मिली। जिले में तहसीलें जहाजपुर, बनेडा, फुलियां कला में अभ्रक निकलता हैं, तथा जहाजपुर में यूरेनियम के भण्डार स्थित हैं।
शाहपुरा मेला –
फूलडोल महोत्सव शाहपुरा जिले में चेत्र माह में (चेत्र कृष्ण एकम से पंचमी तक) 5 दिनों तक लगता हैं। रामस्नेही सम्प्रदाय से सम्बंधित। रामस्नेही सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ शाहपुरा में हैं। सम्प्रदाय के संस्थापक संत रामचरण जी।